अगले महीने महंगा हो सकता है प्याज

[ad_1]

रामवीर सिंह गुर्जर / नई दिल्ली September 15, 2022






उपभोक्ताओं को अब तक महंगाई से राहत दिला रहे प्याज के भाव बढ सकते हैं। प्याज उत्पादक इलाकों में बारिश के कारण खरीफ सीजन वाले प्याज की फसल को नुकसान होने की आशंका है। खरीफ वाले प्याज की आवक अगले महीने से शुरू होने वाली है। बारिश से हुए नुकसान के कारण अगले महीने प्याज महंगा होने की संभावना है। जिससे भले ही उपभोक्ताओं की जेब ढीली हो, लेकिन अब तक घाटा झेल रहे प्याज किसानों को बड़ी राहत मिल सकती है।

इस समय मुख्य उत्पादक राज्य महाराष्ट्र की पिंपलगांव मंडी में प्याज 400 से 1,700 रुपये, कर्नाटक के बेंगलूरु में 400 से 1,600 रुपये और दिल्ली की आजादपुर मंडी में 500 से 1,800 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश भर के खुदरा बाजारों में प्याज 12 से 60 रुपये किलो बिक रहा है। इसकी औसत कीमत 26.23 रुपये किलो है।

भारतीय सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष श्रीराम गाढवे ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि बीते कुछ दिनों से महाराष्ट्र के साथ उत्तरी कर्नाटक के प्याज उत्पादक इलाकों में अच्छी बारिश हो रही है। खेतों में पानी भरने से प्याज की जड़ खत्म हो रही है। जिससे खरीफ सीजन वाले प्याज की फसल को नुकसान के कारण उत्पादन घट सकता है। इससे अगले महीने प्याज के दाम बढ़ सकते हैं। अभी किसानों को प्याज की ज्यादातर कीमत 10 से 14 रुपये किलो मिल रही है। बहुत अच्छी गुणवत्ता वाले प्याज के भाव 17 रुपये किलो तक हैं। अगले महीने भाव बढ़कर 20 रुपये किलो के ऊपर जा सकते हैं।

राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान व विकास प्रतिष्ठान के कार्यवाहक निदेशक पी के गुप्ता कहते हैं कि इस साल खरीफ सीजन में 20 से 25 फीसदी ज्यादा प्याज लगा है। लेकिन बारिश से महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में खेतों में लगी खरीफ वाले प्याज की फसल को नुकसान हुआ है। अगले महीने नई आवक शुरू होने तक अगर ज्यादा नुकसान हुआ तो प्याज की कीमतों में उछाल आ सकता है।

महाराष्ट्र के नासिक जिले के किसान संतराम डोंगरे कहते हैं कि इस साल प्याज किसानों को इसके दाम इतने कम मिले हैं कि उत्पादन लागत भी नहीं निकल रही है। किसानों को प्याज का 10 से 15 रुपये किलो भाव मिल रहा है। इस भाव पर किसानों को घाटा हो रहा है। इस समय भाव 20 रुपये किलो से ज्यादा मिलने चाहिए, तभी कुछ फायदा होगा।

वर्ष 2021-22 में प्याज का रिकॉर्ड 317 लाख टन उत्पादन हुआ था, जो वर्ष 2020-21 के उत्पादन 266 लाख टन से करीब 19 फीसदी ज्यादा है।  

[ad_2]

Source link

Leave a Reply