एनएएसई में हुआ था भेदिया कारोबार!


 












ईडी के आरोपपत्र में भेदिया कारोबार का आरोप होने की जानकारी
श्रीमी चौधरी / मुंबई September 15, 2022






प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में अवैध फोन टैपिंग के मामले की जांच करते समय भेदिया कारोबार का भी पता चला है। निदेशालय के आरोपपत्र के मुताबिक भेदिया कारोबार की गतिविधियां उस समय हुईं, जब एनएसई की कमान चित्रा रामकृष्ण और रवि नारायण के हाथ में थी। ईडी इससे जुड़ी जानकारी जल्द ही भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को भी देने जा रहा है ताकि आगे जांच हो सके।

मामले की जानकारी रखने वाले दो लोगों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एनएसई-फोन टैपिंग मामले में हाल ही में आरोपपत्र दाखिल करने वाले निदेशालय ने आरोप लगाया है कि नारायण और चित्रा ‘मुख्य षड्यंत्रकारी’ थे तथा उन्होंने महत्त्वपूर्ण जानकारी के बदले 24 करोड़ रुपये कमाने में आईसेक सर्विसेज की मदद की थी। दोनों मे से एक व्यक्ति ने बताया, ‘काले धन को सफेद बनाए जाने के मामले की जो जांच चल रही है, उसके दौरान फोन कॉल्स की ट्रांसक्रिप्ट यानी लिखित ब्योरा पढ़ते समय ईडी को कई मौकों पर ऐसा लगा कि शेयरों के भाव पर असर डालने वाली जानकारी गलत फायदा उठाने के मकसद से दूसरों को दी गई थी। इस बात के सबूत भी मिले हैं कि कुछ संस्थाएं भेदिया कारोबार में जुड़ी थीं, जिसकी विस्तृत जांच बाजार नियामक को करनी चाहिए।’

चित्रा, नारायण और आईसेक के संस्थापक संजय पांडेय को पिछले हफ्ते दाखिल आरोपपत्र में आरोपित किया गया है। पांडेय मुंबई के पुलिस आयुक्त भी रह चुके हैं। माना जा रहा है कि आरोपपत्र दाखिल होने से कुछ दिन पहले गिरफ्तार नारायण को शुरू से ही इसका पता था और उन्होंने ही टैपिंग मामले में आईसेक के साथ साजिश रची थी। 

Keyword: ईडी, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज, जांच, सेबी फोन टैपिंग,,


























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