​कंज्यूमर फाइनैंसिंग फर्मों पर दांव

[ad_1]

विश्लेषकों ने कहा, त्योहारी सीजन में कर्ज की मांग में होने वाली बढ़ोतरी है वजह
निकिता वशिष्ठ / नई दिल्ली September 15, 2022






त्योहारी सीजन करीब है, ऐसे में विश्लेषकों को कंज्यूमर फाइनैसिंग फर्मों का प्रदर्शन आगामी कुछ महीनों में बेहतर रहने की उम्मीद है। विश्लेषकों का कहना है कि दबी हुई मांग की पृष्ठभूमि में कर्ज की मजबूत मांग के कारण ऐसी फर्मों की रफ्तार बढ़ेगी।

इन्वेस्क्यू इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स के प्रमुख अधिकारी व फंड मैनेजर सिद्ध‍ार्थ पुरोहित तीन अहम वजहों से इस क्षेत्र को लेकर सकारात्मक हैं। पहला, यह दो साल बाद पहला मौका होगा जब त्योहारी सीजन कोविड महामारी से संबंधित किसी तरह की पाबंदी के बिना देखने को मिलेगा। ऐसे में हम मजबूत मांग की उम्मीद कर रहे हैं। दूसरा, बैलेंस शीट की साफ-सफाई का काम पहले ही हो चुका है और महामारी के बावजूद हम परिसंपत्ति गुणवत्ता पर किसी तरह का गंभीर जोखिम हमने नहीं देखा है। फाइनैंसर पहले ही ठीक-ठाक प्रावधान कर चुके हैं, ऐसे में आगे होने वाला प्रावधान कम होगा, लिहाजा आय में मजबूती आएगी।

पुरोहित ने कहा, तीसरी वजह है कंज्यूमर फाइनैंसिंग फर्मों की मजबूत कीमत शक्ति, ऐसे में बढ़ते ब्याज दर से उनके कारोबार पर बहुत ज्यादा असर नहीं होगा। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्ध‍ार्थ खेमका का भी मानना है कि उपभोक्ता वस्तुओं, ऑटोमोबाइल, घरों में इस्तेमाल होने वाले बड़े इलेक्ट्रॉनिक सामान की मांग रफ्तार पकड़ रही है, जो इस त्योहारी सीजन में कंज्यूमर फाइनैसिंग फर्मों के लिए अच्छी उधारी के रूप में परिवर्तित हो सकता है।

क्रिसिल की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, गैर-बैंक लेनदारों की परिसंपत्ति की रफ्तार वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान चार साल के उच्चस्तर 11-12 फीसदी के उच्चस्तर पर पहुंच सकती है। यह हालांकि महामारी पूर्व के स्तर से कम होगा, जो वित्त वर्ष 2019 तक पिछले तीन वर्षों में 20 फीसदी रही थी। क्रिसिल का मानना है कि असुरक्षित कर्ज की रफ्तार इस वित्त वर्ष में कोविड पूर्व के स्तर 20-22 फीसदी पर पहुंच सकती है। असुरक्षित कर्ज में एसएमई को दिया जाने वाला बिजनेस लोन और उपभोक्ता कर्ज शामिल होते हैं। 

क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक अजित वेलोनी ने कहा, एनबीएफसी उच्च प्रतिफल वाले क्षेत्र असुरक्षित कर्ज पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं, जिसकी एनबीएफसी एयूएम में दूसरी सबसे बड़ी हिस्सेदारी (16 से 20 फीसदी) है और यह एकमात्र क्षेत्र होगा जो इस वित्त वर्ष में 20-22 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ कोविड पूर्व के स्तर को छू सकता है। एनबीएफसी के सतर्क रुख से वित्त वर्ष 2021 में उसके एयूएम में गिरावट आई थी, वहीं वित्त वर्ष 2022 में इसमें खासा सुधार देखने को मिला।

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने कहा, बिजनेस लोन को आर्थिक सुधार से लाभ मिलेगा क्योंकि इस वित्त वर्ष में जीडीपी की रफ्तार 7.3 फीसदी रहने की उम्मीद है। इसके अलावा उपभोक्ता कर्ज को टिकाऊ उपभोक्ता सामान, यात्रा और व्यक्तिगत उपभोग से जुड़ी अन्य गतिविधियों पर बढ़ते खुदरा खर्च का फायदा मिलेगा।

एक्सचेंजों पर संबंधित कंपनियों के शेयरों ने मोटे तौर पर बेंचमार्क सूचकांकों के मुकाबले इस वित्त वर्ष में बेहतर प्रदर्शन किया है। उदाहरण के लिए महिंद्रा ऐंड महिंद्रा फाइनैंशियल सर्विसेज, श्रीराम सिटी यूनियन फाइनैंस, सुंदरम फाइनैंस और एलऐंडटी फाइनैंस होल्डिंग्स के शेयरों में 4.7 फीसदी से लेकर 44.6 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखने को मिली है। ऐस इक्विटी के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।

उधर, बजाज फाइनैंस और इंडोस्टार कैपिटल फाइनैंस ने क्रमश: 1.7 फीसदी व -17 फीसदी का रिटर्न दिया है। 

[ad_2]

Source link

Leave a Reply