मेरे दोस्त, मुझे पता है कल आपका जन्मदिन है… पुतिन ने किया मोदी के बर्थडे का जिक्र लेकिन जानें क्यों नहीं दी बधाई

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समरकंद : उजबेकिस्तान में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन के 22वें शिखर सम्मेलन का आज आखिरी दिन है। सम्मेलन में हिस्सा लेने समरकंद पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुक्रवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात हुई। द्विपक्षीय बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध सहित कई वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। खबरों की मानें तो पुतिन ने इस दौरान पीएम मोदी को रूस आने का भी न्यौता दिया। बातचीत के दौरान एक पल ऐसा भी आया जब दोनों नेताओं के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई। पुतिन ने एक दिन बाद आने वाले पीएम मोदी के जन्मदिन का जिक्र किया लेकिन उन्हें बधाई देने के बजाय सिर्फ औपचारिक रूप से शुभकामनाएं दे दीं।

दरअसल 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन होता है। लेकिन एक दिन पहले वह भारत के बजाय समरकंद में हैं और एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। पुतिन ने एक दोस्त के रूप में पीएम मोदी को बताया कि एक दिन बाद उनका जन्मदिन आने वाला है और हमें यह बात पता है। लेकिन रूसी राष्ट्रपति ने अपने दोस्त को जन्मदिन की बधाई नहीं दी। पूरा वीडियो देखने पर आपको इसका कारण पता चलेगा।

पीएम मोदी के जन्मदिन पर क्या बोले पुतिन
पुतिन ने पीएम मोदी से कहा, ‘मेरे दोस्त, कल आप अपना जन्मदिन मनाने जा रहे हैं। रूसी परंपराओं के अनुसार हम कभी पहले से बधाई नहीं देते इसलिए फिलहाल मैं यह नहीं कर सकता। लेकिन मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि हमें इस बारे में जानकारी है। हम आपको और मित्र देश भारत को ढेरों शुभकामनाएं देना चाहते हैं। हम आपके नेतृत्व में भारत की समृद्धि की कामना करते हैं।’ पुतिन ने पीएम मोदी से कहा कि मैं यूक्रेन संघर्ष पर आपकी स्थिति और चिंताओं के बारे में जानता हूं।

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‘हम चाहते हैं जल्द खत्म हो यूक्रेन युद्ध’
रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि हम चाहते हैं कि यह सब जल्द से जल्द खत्म हो। वहां क्या हो रहा है, हम आपको इसकी जानकारी मुहैया कराते रहेंगे। पुतिन के साथ बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि मैं आपका और यूक्रेन का आभारी हूं क्योंकि संकट में फंसे हमारे हजारों छात्र आप दोनों की मदद से ही बाहर निकल पाए। उन्होंने कहा कि आज दुनिया के सामने कई बड़ी समस्याएं हैं, खासकर विकासशील देशों के सामने, जिनमें खाद्य सुरक्षा, ईंधन सुरक्षा, उर्वरक शामिल हैं और हमें इनसे निपटने के लिए रास्ते निकालने होंगे।

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