Queen Elizabeth II: 25 साल बाद साथ दिखे महारानी के दोनों पोते, विशाल भित्ति-चित्र बनाएंगे भारतवंशी कलाकार

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ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार से पहले बकिंघम पैलेस से वेस्टमिंस्टर ले जाया गया है। यहां लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकते हैं। उनके निधन पर दुनियाभर के कई देशों में शोक मनाया गया है। इधर, ब्रिटेन में शोक में डूबे हुए लोगों के बीच पच्चीस साल बाद महारानी के दोनों पोतों को एक साथ देखा गया। वहीं, भारतीय मूल के दो कलाकारों ने महारानी को अलग ढंग से श्रद्धांजलि देने का फैसला किया है। इसके तहत दोनों कलाकर महारानी के सम्मान में विशाल भित्ति चित्र बनाने की परियोजना पर काम कर रहे हैं। बता दें कि महारानी एलिजाबेथ का बीती 8 सितंबर को 96 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था।

दोनों पोते 25 साल बाद साथ दिखे 
महारानी के शरीर के काफिले के साथ चल रहे दोनों पोते और वर्तमान महाराजा प्रिंस चार्ल्स तृतीय के दोनों बेटे विलियम और हैरी 25 साल बाद साथ दिखाई दिए। इससे पूर्व ये दोनों अपनी मां प्रिंसेस डायना की मौत के समय साथ दिखे थे। उस समय विलियम 15 और हैरी 12 साल के थे। हाल के सालों में दोनों भाइयों के रिश्तों में खिंचाव रहा है।

महारानी का विशाल भित्ति चित्र बनाएंगे भारतीय कलाकार
भारत के गुजरात में जन्मे और अब पश्चिम लंदन में रह रहे कलाकार जिग्नेश और यश पटेल महारानी के निधन की खबर आने के बाद से ही उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए एक सामुदायिक परियोजना पर काम कर रहे हैं। इसके तहत वे एलिजाबेथ द्वितीय का विशाल भित्ति चित्र बनाएंगे, जो दूर से ही नजर आएगा। 

ब्रिटेन में रहने वाला भारतीय मूल के लोगों का समूह (आईडीयूके) इसमें उनकी मदद कर रहा है। यह समूह एक हजार पाउंड से ज्यादा दान ऑनलाइन जुटा चुका है। यह कलाकृति महारानी को श्रद्धांजलि तो देगी ही, आने वाले सालों में भी इंग्लैंड के लोग इसे देखकर आनंद ले सकेंगे। जिग्नेश और यश जाने-माने कलाकार हैं और गिनीज बुक में उनके नाम पांच रिकॉर्ड दर्ज हैं। 

वर्ष 2021 में उन्होंने दो लाख से ज्यादा बबल भरकर दुनिया की सबसे बड़ी बबल पेटिंग बनाई थी। हाउंसलो पूर्व में किंग्सले रोड स्थित एक दो मंजिला इमारत को इस भित्ति चित्र के लिए चुना गया है। इन दोनों कलाकारों का कहना है कि वह पूरे हाउंसलो में भित्ति चित्र बनाकर इसे ऊपर उठाना चाहते हैं।

वेस्टमिंस्टर में रखा गया महारानी का पार्थिव शरीर
ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके बकिंघम पैलेस से वेस्टमिंस्टर ले जाया गया। धार्मिक रस्में पूरी करने के बाद यहां अवस्था में रख दिया गया है। अब आम लोगों को सोमवार सुबह तक महारानी को श्रद्धांजलि देने की इजाजत दे दी गई है। इसके बाद वहां लोगों की लाइनें लग गई हैं। आशंका जताई जा रही है कि महारानी के दर्शन के लिए लोगों को दस मील तक लंबी लाइनों में लगना पड़ सकता है। 

इससे पहले महारानी का ताबूत परंपरागत शानो-शौकत के साथ उनके महल से रवाना हुआ। साथ में शाही परिवार के सदस्य भी थे। उनके अंगरक्षकों और अन्य कर्मियों की अनुशासित टुकड़ियों ने भी लोगों को आकर्षित किया। रास्ते में दीवारों पर ब्रिटिश ध्वज फहराए गए थे। सड़क के दोनों ओर हाथों में फूलों के गुलदस्ते लिये लोगों की भारी भीड़ जमा थी।

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ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार से पहले बकिंघम पैलेस से वेस्टमिंस्टर ले जाया गया है। यहां लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकते हैं। उनके निधन पर दुनियाभर के कई देशों में शोक मनाया गया है। इधर, ब्रिटेन में शोक में डूबे हुए लोगों के बीच पच्चीस साल बाद महारानी के दोनों पोतों को एक साथ देखा गया। वहीं, भारतीय मूल के दो कलाकारों ने महारानी को अलग ढंग से श्रद्धांजलि देने का फैसला किया है। इसके तहत दोनों कलाकर महारानी के सम्मान में विशाल भित्ति चित्र बनाने की परियोजना पर काम कर रहे हैं। बता दें कि महारानी एलिजाबेथ का बीती 8 सितंबर को 96 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था।

दोनों पोते 25 साल बाद साथ दिखे 

महारानी के शरीर के काफिले के साथ चल रहे दोनों पोते और वर्तमान महाराजा प्रिंस चार्ल्स तृतीय के दोनों बेटे विलियम और हैरी 25 साल बाद साथ दिखाई दिए। इससे पूर्व ये दोनों अपनी मां प्रिंसेस डायना की मौत के समय साथ दिखे थे। उस समय विलियम 15 और हैरी 12 साल के थे। हाल के सालों में दोनों भाइयों के रिश्तों में खिंचाव रहा है।

महारानी का विशाल भित्ति चित्र बनाएंगे भारतीय कलाकार

भारत के गुजरात में जन्मे और अब पश्चिम लंदन में रह रहे कलाकार जिग्नेश और यश पटेल महारानी के निधन की खबर आने के बाद से ही उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए एक सामुदायिक परियोजना पर काम कर रहे हैं। इसके तहत वे एलिजाबेथ द्वितीय का विशाल भित्ति चित्र बनाएंगे, जो दूर से ही नजर आएगा। 

ब्रिटेन में रहने वाला भारतीय मूल के लोगों का समूह (आईडीयूके) इसमें उनकी मदद कर रहा है। यह समूह एक हजार पाउंड से ज्यादा दान ऑनलाइन जुटा चुका है। यह कलाकृति महारानी को श्रद्धांजलि तो देगी ही, आने वाले सालों में भी इंग्लैंड के लोग इसे देखकर आनंद ले सकेंगे। जिग्नेश और यश जाने-माने कलाकार हैं और गिनीज बुक में उनके नाम पांच रिकॉर्ड दर्ज हैं। 

वर्ष 2021 में उन्होंने दो लाख से ज्यादा बबल भरकर दुनिया की सबसे बड़ी बबल पेटिंग बनाई थी। हाउंसलो पूर्व में किंग्सले रोड स्थित एक दो मंजिला इमारत को इस भित्ति चित्र के लिए चुना गया है। इन दोनों कलाकारों का कहना है कि वह पूरे हाउंसलो में भित्ति चित्र बनाकर इसे ऊपर उठाना चाहते हैं।

वेस्टमिंस्टर में रखा गया महारानी का पार्थिव शरीर

ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके बकिंघम पैलेस से वेस्टमिंस्टर ले जाया गया। धार्मिक रस्में पूरी करने के बाद यहां अवस्था में रख दिया गया है। अब आम लोगों को सोमवार सुबह तक महारानी को श्रद्धांजलि देने की इजाजत दे दी गई है। इसके बाद वहां लोगों की लाइनें लग गई हैं। आशंका जताई जा रही है कि महारानी के दर्शन के लिए लोगों को दस मील तक लंबी लाइनों में लगना पड़ सकता है। 

इससे पहले महारानी का ताबूत परंपरागत शानो-शौकत के साथ उनके महल से रवाना हुआ। साथ में शाही परिवार के सदस्य भी थे। उनके अंगरक्षकों और अन्य कर्मियों की अनुशासित टुकड़ियों ने भी लोगों को आकर्षित किया। रास्ते में दीवारों पर ब्रिटिश ध्वज फहराए गए थे। सड़क के दोनों ओर हाथों में फूलों के गुलदस्ते लिये लोगों की भारी भीड़ जमा थी।

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