फेडरर ने 41 साल की उम्र में टेनिस को अलविदा कहने का फैसला किया। बीस ग्रैंडस्लैम खिताब जीत चुके फेडरर जुलाई 2021 में विंबलडन में खेलने के बाद कोर्ट पर नहीं उतरे हैं। इसके बाद उनके घुटने की कई सर्जरी हुई, इसे देखते हुए यह खबर हैरान करने वाली नहीं है। फेडरर इस साल जुलाई में ऑल इंग्लैंड क्लब में सेंटर कोर्ट के 100 साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए थे और तब उन्होंने कहा था कि उन्हें एक और बार वहां खेलने की उम्मीद है। उन्होंने यह भी कहा था कि वह अक्टूबर में स्विस इंडोर में टूर्नामेंट में खेलेंगे।
82 प्रतिशत जीत का रिकॉर्ड
फेडरर की पत्नी मिर्का भी टेनिस खिलाड़ी रही हैं। इनके दो जुड़वां बच्चे हैं। फेडरर ने करियर में 1,251 मैच जीते हैं 275 में उन्हें हार मिली है। उनकी जीत का प्रतिशत 82 है। इस मामले में वह ओपन युग में जिमी कॉनर्स के बाद दूसरे स्थान पर हैं। फेडरर के रेकॉर्ड की लंबी फेहरिस्त में सबसे अधिक उम्र में एटीपी रैंकिंग्स में टॉप पर पहुंचना शामिल है। उन्होंने 2018 में 36 साल की उम्र में पहले स्थान पर वापसी की थी। फेडरर ने 2003 में विंबलडन के तौर पर जब अपना पहला ग्रैंडस्लैम जीता था तब पुरुषों में सबसे ज्यादा सिंगल्स ग्रैंडस्लैम का रेकॉर्ड पीट सैंप्रास का था। उन्होंने 14 ऐसे खिताब जीते थे। फेडरर ने उनके रेकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए कुल 20 मेजर खिताब जीते। फ्रेंच ओपन में 2009 की जीत के साथ उन्होंने करियर ग्रैंडस्लैम को पूरा किया।
नडाल, जोकोविच से टक्कर
फेडरर को उनके शानदार ‘फोरहैंड सर्विस’, ‘फुटवर्क’ और आक्रामक खेल के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपने से कम उम्र के शीर्ष खिलाड़ियों को भी कई बार कड़ी टक्कर दी। इसमें 36 वर्षीय नडाल और 35 वर्षीय जोकोविच के खिलाफ उन्होंने कई यादगार मैच खेले। इन दोनों खिलाड़ियों ने ग्रैंडस्लैम खिताब के मामले में हालांकि फेडरर को पीछे छोड़ दिया। नडाल 22 ग्रैंडस्लैम के साथ टॉप पर हैं जबकि जोकोविच के नाम 21 ऐसे खिताब हैं।
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