ऑनलाइन गेमिंग के लिए हो नियामक


एक सरकारी समिति ने ऑनलाइन गेम के लिए एक नियामकीय संस्था बनाने की सिफारिश की
रॉयटर्स /  September 15, 2022






एक सरकारी समिति ने भारत को ऑनलाइन गेम को कौशल या किस्मत के आधार पर वर्गीकृत करने के लिए एक नियामकीय संस्था बनाने की सिफारिश की है। उसने कहा है कि निषिद्ध प्रारूपों को ब्लॉक करने के लिए नियम बनाए जाने चाहिए और गैंबलिंग वेबसाइटों पर सख्त रुख अपनाया जाना चाहिए। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शीर्ष अधिकारियों की समिति कुछ महीनों से देश के ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र के लिए नियमों का मसौदा तैयार कर रही है। टाइगर ग्लोबल और सिकोया कैपिटल जैसे विदेशी निवेशकों ने गेमिंग स्टार्टअप ड्रीम 11 और मोबाइल प्रीमियर लीग में निवेश किया है। ये दोनों स्टार्टअप फैंटसी क्रिकेट के लिए बेहद लोकप्रिय है। समिति की इस बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट को भारत में मोबाइल गेमिंग उद्योग के भविष्य के रूप में देखा जा रहा है। इस उद्योग का राजस्व इस वर्ष के 150 करोड़ डॉलर से 2025 तक 500 करोड़ डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। 

भारत के सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि कार्ड गेम रमी और कुछ फैंटसी खेल कौशल-आधारित और कानूनी हैं, लेकिन कम से कम एक राज्य अदालत ने ताश जैसे खेलों को किस्मत आधारित या जुए की श्रेणी में वर्गीकृत किया है, जो कि अधिकांश राज्यों में प्रतिबंधित है। इसलिए खेल को परिभाषित करना विवादास्पद रहा है। सरकारी अधिकारियों की समिति ने 31 अगस्त की अपनी गोपनीय मसौदा रिपोर्ट में भारत के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत एक नया नियामकीय निकाय बनाने की सिफारिश की है, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि कौन से ऑनलाइन गेम कौशल के खेल के रूप में योग्य हैं, उसके बाद अनुपालन और लागू करने की बात हो। कानूनी ढांचे को सुव्यवस्थित करने के लिए, 108 पृष्ठों की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को एक नए संघीय ऑनलाइन गेमिंग कानून की आवश्यकता है। इससे सरकार को ऑनलाइन गेमों में प्रतिबंध लगाने के लिए दंड प्रावधान और नियामकीय लचीलेपन की स्वतंत्रता होगी।  हालांकि समिति ने केवल ऑनलाइन कौशल खेलों पर विचार किया, न कि गैंबलिंग पर। गैंबलिंग को राज्यों द्वारा नियंत्रित किया जाता है। समिति ने पाया कि कई विदेशी सट्टेबाजी और जुआ वेबसाइटें भारत में अवैध हैं लेकिन भारतीय उपयोगकर्ताओं के बीच लोकप्रिय हो गई हैं। नया कानूनी ढांचा मुफ्त और पैसे देकर खेलने वाले स्किल गेम, दोनों पर लागू होगा।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘ऑनलाइन खेले जाने वाले किस्मत आधारित गेम (जैसे जुआ वेबसाइट या ऐप) को प्रतिबंधित करने के लिए प्रस्तावित डिजिटल इंडिया ऐक्ट इसे निषिद्ध उपयोगकर्ता हानियों की सूची में शामिल कर सकता है, इससे लोगों को खेलने की अनुमति नहीं होगी।’ एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र ने कहा कि हालांकि संघीय सरकार किस्मत आधारित खेलों को हानिकारक के रूप में वर्गीकृत कर सकती है, लेकिन यह राज्यों को जुआ खेलने की अनुमति देने पर अंतिम निर्णय लेने देगी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य सरकारों को पहले से ही राज्यवार उपायों को लागू करना और निगरानी करना मुश्किल लगता है। अगर सरकारें ऐसा करें तो यह सुनिश्चित हो पाएगा कि उनके क्षेत्र में कोई भी उपयोगकर्ता जुआ या गेमिंग के अवैध रूपों तक नहीं पहुंच रहा है। राजस्व और खेल मंत्रालयों के प्रमुखों सहित मोदी के शीर्ष सचिवों में से समिति के कुछ सदस्यों द्वारा और टिप्पणियां प्राप्त करने के बाद आईटी मंत्रालय रिपोर्ट को अंतिम रूप देगा। इसके बाद इसे कैबिनेट सचिवालय को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। हालांकि इसे अंतिम रूप देने की कोई समय सीमा नहीं है।

 

लत दूर करने के उपाय

गेमिंग उद्योग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सिफारिश के मुताबिक एक नियामक संस्था ऑनलाइन गेम के विभिन्न प्रारूपों का आकलन करेगी, जिससे नए व्यापारियों के लिए प्रवेश में बाधाएं बढ़ सकती हैं और कंपनियों की मौजूदा पेशकशों की जांच भी बढ़ सकती है। अ​धिकारी ने कहा, फिर भी नए नियम इस क्षेत्र के लिए नियामक स्पष्टता, निश्चितता और निवेश लाएंगे। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए अधिकारी ने नाम लेने से मना कर दिया। भारतीय व्यापार समूह फिक्की और परामर्श फर्म ईवाई की 2020 की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले वर्ष ऑनलाइन गेमिंग उद्योग द्वारा 6,500 करोड़ रुपये अर्जित किए गए और नकद धन सहित लेनदेन-आधारित गेमिंग ने 4,600 करोड़ रुपये यानी 71फीसदी का योगदान दिया।  शीर्ष भारतीय क्रिकेटरों द्वारा एंडॉर्समेंट और अन्य मार्केटिंग प्रयासों ने रियल मनी गेमिंग ऐप्स के लिए निवेशकों की रुचि को बढ़ाया है। पिचबुक डेटा के मुताबिक, ड्रीम 11 का मूल्यांकन 8 अरब डॉलर है, जबकि मोबाइल प्रीमियर लीग का मूल्य 2.5 अरब डॉलर है। 2021 तक भारत में 9.5 करोड़ भुगतान करके गेम खेलने वाले लोग थे। 



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