अरूप रायचौधरी / September 16, 2022 |
वित्तीय स्थायित्व और विकास परिषद (एफएसडीसी) की गुरुवार को हुई बैठक में मंजूरियों को आसान करने, लंबित मामलों और गुजरात में स्थित अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र-गिफ्ट सिटी (आईएफएससी-गिफ्ट सिटी) के अंतर नियामकीय संचार की राह आसान करने से संबंधित विषयों पर चर्चा की गई। इससे जुड़े सूत्रों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी दी। आईएफएससी-गिफ्ट सिटी एक नियामकीय निकाय है, जिसका नियमन आईएफएससी प्राधिकरण (आईएफएससीए) करता है।
मुंबई में हुई इस बैठक से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि गिफ्ट सिटी में काम करने वाले सभी वित्तीय संस्थान आईएफएससीए के दायरे में हैं, वहीं कुछ मामलों में अलग नियामक जैसे भारतीय रिजर्व बैंक और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की भी इस पर नजर रहेगी। अधिकारी ने कहा, ‘अगर विदेश के नियमन में आने वाले बैंक, वित्तीय संस्थान या किसी इकाई का गिफ्ट सिटी में कार्यालय है और वह उस शाखा से भारत में कारोबार करना चाहता है, तो संबंधित नियामकीय प्राधिकारी का इसमें हस्तक्षेप होगा। इसी तरह से अगर एक भारतीय वित्तीय संस्थान गिफ्ट सिटी में कार्यालय स्थापित करना चाहता है तो संबंधित नियामकों से उसे मंजूरी लेनी होगी।’
आईएफसीए विभिन्न मामलों के आधार पर गिफ्ट सिटी में काम करने वाले वित्तीय संस्थानों के लिए अन्य नियामकों से कुछ विशेष छूट की मांग कर सकता है, जो प्रस्ताव पर निर्भर होगा।
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