निर्यात में पेट्रोलियम उत्पादों की 21.2 फीसदी हिस्सेदारी


असित रंजन मिश्र / नई दिल्ली September 16, 2022






 ऊर्जा की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तेजी और रूस से सस्ता कच्चा तेल मिलने की वजह से भारत के पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में बढ़ोतरी हुई है। अप्रैल-अगस्त के दौरान भारत के कुल निर्यात में इसकी हिस्सेदारी बढ़कर अब तक के सर्वोच्च स्तर 21.2 प्रतिशत पर पहुंच गई। पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात ने भारत के वाणिज्यिक वस्तुओं के बाहर भेजे जाने को गति दी है।

अप्रैल-अगस्त के दौरान गैर पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में सिर्फ 8.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जबकि कुल निर्यात में 17.68 प्रतिशत वृद्धि हुई है। ऐसा पेट्रोलियम उत्पाद के निर्यात में 76 प्रतिशत बढ़ोतरी की वजह से हुआ है। अगस्त महीने में जहां गैर पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात 1.8 प्रतिशत घटा है, कुल मिलाकर शिपमेंट में 1.6 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है, इसकी वजह पेट्रोलियम उत्पाद के निर्यात में 22.8 प्रतिशत वृद्धि है।

जुलाई तक के व्यापार के अलग-अलग उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक भारत के पेट्रोलियम निर्यात में यूएई की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा 9.1 प्रतिशत है। इसके बाद नीदरलैंड्स (8.8 प्रतिशत), टोगो (5.8 प्रतिशत), अमेरिका (5.7 प्रतिशत), सिंगापुर (5.4 प्रतिशत) का स्थान है।

अप्रैल-जुलाई के दौरान नीदरलैंड्स भारत का तीसरा बड़ा निर्यात केंद्र बन गया, जिसके 6.2 अरब डॉलर के शिपमेंट में आधा पेट्रोलियम उत्पाद है। अप्रैल-जुलाई के दौरान भारत से किए गए 35.4 अरब डॉलर के पेट्रोलियम उत्पादों में डीजल (11.7 अरब डॉलर), विमान ईंधन (9 अरब डॉलर), पेट्रोल (5.4 अरब डॉलर), हाई स्पीड डीजल (4.7 अरब डॉलर) और लाइट नेफ्था (2.4 अरब डॉलर) शामिल हैं। अगस्त महीने में पेट्रोलियम के निर्यात में सुस्ती की वजह सरकार द्वारा 1 जुलाई से लगाया गया अप्रत्याशित लाभ कर (विंडफाल टैक्स) है। अप्रत्याशित लाभ कर बहुत ज्यादा मुनाफा कमा रही कंपनियों पर लगाया जाने वाला एकमुश्त कर होता है, सामान्यतया अप्रत्याशित रूप से बाजार अपने पक्ष में होने से यह मुनाफा होता है।

बहरहाल सरकार ने 20 जुलाई को विशेष आर्थिक क्षेत्र में स्थित इकाइयों से पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात से अप्रत्याशित लाभ कर हटा लिया और कच्चे तेल के वैश्विक दाम में कमी होने से इन उत्पादों पर लगने वाले निर्यात शुल्क में कटौती कर दी। कर लगाने के 3 सप्ताह के भीतर ऐसा किया गया। सरकार हर पखवाड़े में अप्रत्याशित लाभ कर की समीक्षा करती है। पेट्रोल पर निर्यात शुल्क शून्य है, जबकि डीजल पर 7 रुपये लीटर और एटीएफ पर 2 रुपये लीटर है।

अप्रैल-जुलाई के दौरान इराक के बाद रूस भारत के कच्चे तेल का सबसे बड़ा स्रोत बनकर उभरा है, क्योंकि यूक्रेन से युद्ध शुरू होने के बाद रूस छूट पर तेल बेच रहा है।



Source link

Leave a Reply


Deprecated: Function the_block_template_skip_link is deprecated since version 6.4.0! Use wp_enqueue_block_template_skip_link() instead. in /home/u305439794/domains/newspaperswale.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6078