पाबंदी के बाद चावल की कीमतों में नरमी, घटेगा निर्यात


इस साल 25 फीसदी घट सकता है चावल का निर्यात, वित्त वर्ष 2022 में भारत ने 2.12 करोड़ टन चावल का निर्यात किया था
संजीव मुखर्जी और एजेंसियां / नई दिल्ली September 14, 2022






 टूटे चावल के निर्यात पर पाबंदी का असर मंडियों और बाजारों में नजर आने लगा है। व्यापार और बाजार के सूत्रों ने बताया कि देश भर की मंडियों में इस किस्म के चावल की कीमतें भी 100-200 रुपये प्रति क्विंटल टूट गई हैं। केंद्र ने 9 सितंबर से टूटे चावल के निर्यात पर रोक लगा दी और चावल की कुछ किस्मों के निर्यात पर 20 फीसदी शुल्क लगा दिया। 

बहरहाल व्यापारियों ने कहा कि कीमतों पर सरकारी कदमों के असर की बात अभी कहना मुश्किल है क्योंकि खरीफ की फसल से पहले इस वक्त धान की कमी रहती है। एक व्यापारी ने कहा, ‘कुल मिलाकर गिरावट है, लेकिन स्पष्ट तस्वीर अभी सामने नहीं आई है क्योंकि अभी कई मंडियों में धान की आवक कमजोर बनी हुई है।’ मगर अंतरराष्ट्रीय आंकड़े और बाजार प्रतिभागी बताते हैं कि निर्यात के बाद भी चावल की कीमतें बढ़ी हैं क्योंकि बाजार को आशंका है कि वैश्विक बाजार में अब टूटा चावल कम होगा।

2021-22 में भारत ने विश्व के चावल बाजारों की करीब 40 फीसदी जरूरत पूरी की थी। फसल वर्ष 2021-22 में देश में चावल का कुल उत्पादन करीब 13 करोड़ टन था। इसमें से करीब 11.2 करोड़ टन खरीफ सीजन में था। 

व्यापारियों ने कहा कि प्रतिबंध के बाद थाईलैंड के चावल विक्रेताओं ने 5 फीसदी टूटे चावल के भाव 2 डॉलर प्रति टन, 25 फीसदी टूटे चावल के भाव 1 डॉलर और उबले चावल के भाव 2 डॉलर प्रति टन बढ़ा दिए। अब उनके भाव क्रमश: 430 से 434 डॉलर, 417 से 421 डॉलर और 437 से 441 डॉलर प्रति टन कर दिए हैं। वियतनाम में चावल विक्रेताओं ने 5 फीसदी टूटे चावल और 25 फीसदी टूटे चावल की कीमतें 10-10 डॉलर प्रति टन बढ़ाकर 403 से 407 डॉलर प्रति टन और 388 से 392 डॉलर प्रति टन कर दीं। पाकिस्तान के चावल विक्रेताओं ने 5 फीसदी और 25 फीसदी टूटे चावल के भाव 35-35 डॉलर प्रति टन तथा 100 फीसदी टूटे चावल के भाव 33 डॉलर प्रति टन बढ़ा दिए।

आईग्रेन इंडिया के जिंस विश्लेषक राहुल चौहान कहते हैं, ‘जब से भारत ने टूटे चावल का निर्यात पूरी तरह बंद किया है और चावल की कुछ श्रेणियों पर शुल्क लगाया है तभी से सभी 

प्रमुख देशों ने चावल महंगे कर दिए हैं क्योंकि चावल की आपूर्ति में और कमी आने की आशंका है।’

केंद्र ने पिछले हफ्ते बासमती से इतर चावल की कुछ किस्मों पर 20 फीसदी निर्यात शुल्क लगाया था, जिसके बाद कीमतों को कम करने के लिए सभी प्रकार के टूटे हुए चावल के निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया था।

व्यापार और बाजार के सूत्रों ने कहा कि वित्त वर्ष -22 तक कुल 2.12 करोड़ टन के कुल वार्षिक निर्यात में से भारत से निर्यात किए गए लगभग 1 करोड़ टन चावल (निर्यात शुल्क के तहत 59 लाख टन और 40 लाख टन पूरी तरह से प्रतिबंधित) अब प्रतिबंध के अधीन होना।

टूटे चावल पर प्रतिबंध 9 सितंबर से लागू हो गया है, लेकिन अधिसूचना में कहा गया है कि 9 सितंबर से 15 सितंबर के बीच, जिन बंदरगाहों पर प्रतिबंध से पहले, सामानों के शिपमेंट शुरू हो गए हैं और जहाजों के शिपिंग बिल दाखिल किए गए हैं या जहां टूटे हुए चावल सौंपे गए हैं वहां माल को निर्यात करने की अनुमति दी जाएगी।

 



Source link

Leave a Reply


Deprecated: Function the_block_template_skip_link is deprecated since version 6.4.0! Use wp_enqueue_block_template_skip_link() instead. in /home/u305439794/domains/newspaperswale.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6078