पूरा हो रहा है न्यू इंडिया का सपना


नितिन गडकरी

2014 में जब नरेंद्र मोदी ने भारत को एक आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लक्ष्य के साथ देश के प्रधानमंत्री के रूप में अपनी यात्रा शुरू की थी, तब से विकास की गति में एक अविश्वसनीय तेजी, एक नए उभरते भारत की पहचान बन गई है। बुनियादी सेवाओं की तेज और ‘लास्ट माइल डिलिवरी’ की संस्कृति को स्थापित करने, शासन व्यवस्था में पारदर्शिता लाने, भ्रष्टाचार को खत्म करने और इस सिस्टम को चुस्त-दुरुस्त बनाने में काफी हद तक सफल होने के बाद, नरेंद्र मोदी सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ की अवधारणा के मंत्र पर काम कर रही है। वर्ष 2024-25 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य से हमारी सरकार शुरू से ही विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों के बीच बेहतर समन्वय और तालमेल के साथ और अधिक ऊंचाइयों को छूना चाहती थी।

गति को शक्ति

इसी दिशा में एक नूतन प्रयोग करते हुए 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ का शुभारंभ किया। ‘न्यू इंडिया’ के निर्माण के लिए बुनियादी ढांचा क्षेत्र की ‘गति’ को और अधिक ‘शक्ति’ देना इसका मुख्य उद्देश्य था। प्रधानमंत्री ने ‘पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ के शुभारंभ के अवसर पर कहा था, ‘आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ, अगले 25 वर्षों के लिए भारत की नींव रखी जा रही है… हमने न केवल परियोजनाओं को समय पर पूरा करने की कार्य संस्कृति विकसित की है, बल्कि परियोजनाओं को समय से पहले पूरा करने का प्रयास भी किया है।’ इसने यह भी दिखाया कि कैसे भारत, सभी विकास गतिविधियों को बाधित करने वाली महामारी और भू-राजनीतिक संकट के कठिन समय का मुकाबला करने के बाद तेजी से प्रगति करने के लिए दृढ़संकल्पित था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा परिकल्पित इस मास्टर प्लान का लक्ष्य अगले 25 वर्षों में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है। वास्तव में यह एक डिजिटल प्लैटफॉर्म है, जो मेरे मंत्रालय – सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय सहित 16 विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों को एक साथ लाता है। इसका उद्देश्य देश के विभिन्न हिस्सों, विशेष रूप से सभी आकांक्षी जिलों, जनजातीय इलाकों, पहाड़ी क्षेत्रों और पूर्वोत्तर में सर्वस्पर्शी और समावेशी सामाजिक-आर्थिक प्रगति को सुनिश्चित करने के लिए बुनियादी ढांचा एवं कनेक्टिविटी के एकीकृत कार्यक्रम पर सामूहिक रूप से जोर देना है ताकि विकास के रास्ते में आने वाले सभी अवरोधों को खत्म कर समय पर योजनाएं पूरी की जा सकें।

पिछले कुछ वर्षों में, नरेंद्र मोदी सरकार ने एक समग्र दृष्टिकोण अपनाते हुए बुनियादी ढांचे के विकास पर अभूतपूर्व रूप से ध्यान केंद्रित करना सुनिश्चित किया है। इससे प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने में मदद मिली है। इस राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत अपने-अपने हिसाब से अलग-अलग योजना और डिजाइन बनाने के बजाय अब परियोजनाओं को समग्र रूप में क्रियान्वित किया जा रहा है, जिससे विकास योजनाओं में व्यापक तेजी आई है।

कैबिनेट के समक्ष मेरे बहुत से प्रेजेंटेशन से पहले प्रधानमंत्री कुछ न कुछ नूतन विचार देते हैं और इसमें वैल्यू एडिशन करते हैं। वे लगातार योजनाओं की समीक्षा करते हैं और कुछ ख़ास परियोजनाओं की प्रगति की तो वह स्वयं मॉनिटरिंग भी करते हैं। वह सदैव परियोजनाओं से जुड़े हुए इंजीनियरों, सभी हितधारकों और कर्मचारियों को उनके अमूल्य योगदान के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं। ऐसे ही एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दो सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखी थी, जिनका उद्देश्य मेरे गृह राज्य महाराष्ट्र के मंदिरों के शहर के रूप में प्रसिद्ध नगरी पंढरपुर की कनेक्टिविटी में सुधार करना था। उन्होंने श्री संत ज्ञानेश्वर महाराज पालकी मार्ग (NH-965) के पांच खंडों और श्री संत तुकाराम महाराज पालकी मार्ग (NH-965G) के तीन खंडों को चार लेन का बनाने की योजना का भी शिलान्यास किया। राष्ट्रीय राजमार्गों के दोनों ओर ‘पालकी’ के लिए समर्पित पैदल मार्ग का निर्माण किया जा रहा है ताकि भक्तों को कोई परेशानी न हो।

आप यह देख कर आश्चर्यचकित रह जाएंगे कि प्रधानमंत्री कैसे आम लोगों के साथ सहज संबंध स्थापित करते हैं। उन्होंने ‘मेरे वारकरी भाइयो’ से आशीर्वाद के रूप में तीन चीजें मांगीं – राजमार्गों के किनारे पैदल मार्ग के साथ पेड़, सड़कों के किनारे विशिष्ट दूरी पर पीने के पानी की व्यवस्था और पंढरपुर को भारत में सबसे स्वच्छ तीर्थ स्थल बनाने का लक्ष्य।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास के विचार के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं- आधुनिकता के साथ सांस्कृतिक और सभ्यतागत विरासत का कायाकल्प। हमारी भारतमाला योजना, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अन्य प्रमुख इनिशिएटिव जैसे सागरमाला, समर्पित फ्रेट कॉरिडोर, औद्योगिक गलियारे, उड़ान-आरसीएस, भारतनेट, डिजिटल इंडिया, पर्वतमाला और मेक इन इंडिया के लिए संबल और हितकारी, दोनों है। कुछ प्रमुख एक्सप्रेसवे और कॉरिडोर, जिसका निर्माण तेज गति से हो रहा है, वे हैं – दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे, दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे, बेंगलुरु-चेन्नै एक्सप्रेसवे, अंबाला-कोटपुतली एक्सप्रेसवे, अमृतसर-भटिंडा-जामनगर एक्सप्रेसवे, रायपुर-वीजेडजी एक्सप्रेसवे, हैदराबाद-वीजेडजी एक्सप्रेसवे, यूईआर II, चेन्नै-सलेम एक्सप्रेसवे और चित्तौड़-थैचूर एक्सप्रेसवे। जोजिला टनल (लद्दाख) और श्रीनगर को लेह से कनेक्ट करने वाली Z-morth जैसी कुछ प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं।

‘न्यू इंडिया’ की ओर

मेरे मंत्रालय के तहत सड़क और राजमार्ग के बुनियादी ढांचे की सभी अभूतपूर्व प्रगति और उसका विकास हमारे माननीय प्रधानमंत्री के सक्षम और गतिशील नेतृत्व और दूरदर्शिता के बिना संभव नहीं हो सकता जो लगातार, अहर्निश देश के विकास के प्रति समर्पित भाव से काम करते हैं। उनके सतत प्रयासों एवं निरंतर मार्गदर्शन से ‘न्यू इंडिया’ के निर्माण को साकार करने के लिए हमें सदैव प्रेरणा मिलती है। हमारे प्रिय और पसंदीदा प्रधानमंत्री आज 72 वर्ष के हो गए हैं, इसलिए हम अपने मंत्रालय के विकास और प्रगति के सभी आयामों को उनके सम्मान में समर्पित कर इस दिन को एक अलग तरह से मना रहे हैं।

(लेखक केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री हैं)

डिसक्लेमर : ऊपर व्यक्त विचार लेखक के अपने हैं





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