खेरसान से पीछे भागी रूसी सेना, क्या अब पुतिन के पास सिर्फ परमाणु हमले का है विकल्प, समझें

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मॉस्को: सात महीने से ज्यादा होने के बाद भी रूस और यूक्रेन का युद्ध चल रहा है। यूक्रेन के दक्षिणी काला सागर क्षेत्र के खेरसॉन में रूस की सेना को बड़ा नुकसान हुआ है। रूसी सेना पीछे हटी है। मंत्रालय की ओर से जारी नक्शे में ये बात सामने आई है। मंत्रालय ने दैनिक वीडियो ब्रीफिंग में मंगलवार को किसी भी तरह से पीछे हटने का कोई उल्लेख नहीं किया। लेकिन जो नक्शे दिखाए गए उससे पता चलता है कि रूसी सेना का नीपर नदी के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित दुडचानी गांव में कोई नियंत्रण नहीं है। पूर्वोत्तर के खार्कीव क्षेत्र में नक्शे से पता चला है कि रूसी सेना ओस्किल नदी के पश्चिमी तट से पीछे हटी है।

नक्शे से अनुमान है कि रूसी सेना लगभग 20 किमी पीछे हटी है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने मंगलवार को कहा कि उनकी सेना ने रूसी सैनिकों को पीछे धकेल दिया है। दक्षिण और पूर्वी क्षेत्रों में दर्जनों शहरों से कब्जे को खत्म करा दिया गया है। एक वीडियो संबोधन में जेलेंस्की ने कहा, ‘यूक्रेन की सेना मौजूदा रक्षा अभियान के तहत देश के दक्षिणी क्षेत्रों में तेजी से और शक्तिशाली तरीके से आगे बढ़ा रही है। कई दर्जन शहरों को आजाद करा दिया गया है। ये शहर खेरसान, खारकीव, लुहांस्क और डोनेटस्क में हैं।’
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निराश हो चुकी है रूसी सेना
यूक्रेनी सेना ने मंगलवार को एक बयान में दावा कि खेरसॉन से रूसी सैनिक निराश होकर जा रहे हैं। वह इतने निराश हो चुके हैं कि अपने हथियारों के डिपो को तबाह करते जा रहे हैं। इसके साथ ही वह रास्ते में आने वाले हर पुल को तोड़ रहे हैं। यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ये सब कुछ उनकी सेना की रफ्तार को कम करने के लिए है, क्योंकि वह तेजी से आगे बढ़ रही है।
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क्या पुतिन करेंगे न्यूक्लियर हथियार का इस्तेमाल
रूस के पास दुनिया के सबसे ज्यादा न्यूक्लियर हथियार हैं। न्यूक्लियर बम का होना ही इस युद्ध में रूस के लिए सबसे बड़ा फायदा है। विशेषज्ञों की चिंता है कि हार से बौखला कर कहीं पुतिन न्यूक्लियर हथियार का इस्तेमाल न करें। ऐसा इसलिए क्योंकि रूस लगातार इसे पश्चिम के साथ एक अस्तित्व की लड़ाई बताता रहा है। पुतिन हाल के दिनों में कई बार इससे जुड़ी धमकी दे चुके हैं। कुछ दिनों पहले ही पुतिन ने कहा था कि न्यूक्लियर की धमकी देने वालों को याद रखना चाहिए कि हवा का बहाव उनकी ओर भी हो सकता है।

झांसा दे रहे पुतिन
यूक्रेन के लगभग 18 फीसदी हिस्से पर अब रूस ने दावा कर दिया है। इसके बाद अब रूस इन क्षेत्रों पर किसी भी तरह का हमला करेगा तो वह उसे देश के अंदर ही बताएगा। लेकिन परमाणु हमला न करने के भी कारण है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि इन इलाकों में कई रूसी लोग भी रहते हैं। प्राग स्थित सैन्य विश्लेषक यूरी फेडोरोव का कहना है कि पुतिन अभी झांसा दे रहे हैं। लेकिन अब से एक हफ्ते या एक महीने बाद क्या होगा ये कहना मुश्किल है।

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