शी जिनपिंग को मिलेगी मरते दम तक चीन के राष्‍ट्रपति रहने की ताकत! नेशनल कांग्रेस पर दुनिया की नजरें

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बीजिंग: साल 2012 में शी जिनपिंग को देश की कमान मिली थी। इन 10 सालों में वह न सिर्फ चीन के बल्कि दुनिया के सबसे ताकतवर नेता बन चुके हैं। इस महीने कम्‍युनिस्‍ट पार्टी राष्‍ट्रीय कांग्रेस में वह उस स्थिति में पहुंच जाएंगे जहां से उन्‍हें हटाना असंभव हो जाएगा। एक दशक में उन्‍हें दो बार सत्‍ता मिली है। हाल के वर्षों में चीन की राष्‍ट्रीय कांग्रेस को उस माध्‍यम के तौर पर देखा जाता है जहां पर सत्‍ता का हस्‍तांतरण एक सही तरह से होता है। इस बार यह सम्‍मेलन थोड़ा अलग होगा। शी जिनपिंग को बतौर जनरल सेक्रेटरी तीसरा कार्यकाल मिलेगा। सिर्फ इतना ही नहीं इसके साथ वह आजीवन शासन करने वाले राष्‍ट्रपति भी बनेंगे।

पांच साल में एक बार
बतौर जनरल सेक्रेटरी वह देश के राष्‍ट्रपति तो बनेंगे लेकिन साथ ही उनका देश इस अनिश्चितता की तरफ भी बढ़ेगा जो नए लीडर से जुड़ी होगी। 20वीं राष्‍ट्रीय कांग्रेस पर सबकी खास नजरें हैं। इस आयोजन के साथ यह तय होगा कि अगले पांच सालों में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था किस दिशा की तरफ जाएगी। चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी की राष्‍ट्रीय कांग्रेस वह सम्‍मेलन है जो पांच साल में एक बार होता है। चीन में जब शी जिनपिंग की तीसरी बार हो रही होगी ताजपोशी, उत्‍तर कोरिया फोड़ेगा परमाणु बम?
इस सम्‍मेलन में पार्टी के संविधान में बदलाव को लेकर चर्चा होती है और साथ ही देश के लिए पॉलिसी एजेंडा भी तय होता है। कुछ लोग मानते है कि नेशनल कांग्रेस उस टॉप पार्टी लीडर का वह सम्‍मेलन होता है जिसने पांच साल का कार्यकाल पूरा कर लिया हो। इस सम्‍मेलन में वह काफी सावधानी से अपने उत्‍तराधिकारी को भी चुनते हैं।

2300 सदस्‍यों का चयन
अक्‍टूबर या नवंबर महीने में ही कांग्रेस का आयोजन होता है। इस सम्‍मेलन में देश भर से कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के लिए 2300 सदस्‍यों का चयन किया जाता है। इन सदस्‍यों में टॉप प्रांतीय अधिकारियों और मिलिट्री ऑफिसर्स शामिल होते हैं। साथ ही किसानों और इंडस्‍ट्रीयल वर्कर्स के भी प्रतिनिधि इसमें शामिल होते हैं। एक चौथाई से कुछ ज्‍यादा महिलाएं इसमें शामिल होती हैं। जबकि 11 फीसदी लोग जातीय अल्पसंख्यक होते हैं। कांग्रेस की तरफ से जारी आंकड़ों में इस बात की पुष्टि की गई है।

करोड़ों में हैं सदस्‍य
चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी दुनिया की सबसे राजनीति पार्टियों में एक है जिसके 9.6 करोड़ सदस्‍य हैं। पार्टी में हायरकी या पदानुक्रम अलग-अलग तरह से होता है। राष्‍ट्रीय कांग्रेस के करीब 400 प्रतिनिधि ऐसे होते हैं जो पार्टी की सेंट्रल कमेटी से आते हैं। इस कमेटी में ऊपरी सदन के भी सदस्‍य भी शामिल होते हैं जिसमें 25 सदस्‍यों वाली पोलित ब्‍यूरो और इसकी स्‍टैडिंग कमेटी शामिल है। स्‍टैंडिंग कमेटी चीन की सबसे शक्तिशाली संस्‍था है जो कई अहम फैसले लेती है। इसमें पांच से नौ लोग शामिल होते हैं और इसकी अगुवाई जनरल सेक्रेटरी यानी शी जिनपिंग कर रहे हैं।
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कैसे चुना जाता है राष्‍ट्रपति
पोलित ब्‍यूरो में जो सदस्‍य होते हैं वो चीन के शक्तिशाली हान समुदाय से आते हैं। इस ग्रुप में फिलहाल अभी सिर्फ एक ही महिला हैं। इस समुदाय के लोगों को सरकार में बड़ी जिम्‍मेदारिया दी जाती हैं। पार्टी कांग्रेस में वोटिंग की जाती है और इसे बस एक औपचारिकता मानते हैं। मुख्‍य पार्टी नेतृत्‍व निकाय में करीब 200 सदस्‍य हैं और जबकि 200 लोगों को विकल्‍प के तौर पर रखा जाता है।

अक्‍सर ये सदस्‍य मिलते हैं और इन पर जिम्‍मेदारी है कि वो पोलितब्‍यूरो के लिए औपचारिक तौर पर सदस्‍यों का चयन करें। कांग्रेस के खत्‍म होने के बाद नई संगठित 20वीं सेंट्रल कमेटी पहले योजना सत्र के लिए मिलती है। यहां पर वह पोलित ब्‍यूरो और स्‍टैंडिंग कमेटी का चुनाव करते हैं।

कई नेताओं की ताकत कम
विशेषज्ञों की मानें तो टॉप पोस्‍ट्स के लिए फैसला कई महीने तक बंद कमरे में होने वाली बातचीत के बाद लिया जाता है। इसमें कई टॉप लीडर्स शामिल होते हैं और जहां पर अलग-अलग सेक्‍शन होते हैं। ये अपने-अपने उम्‍मीदवार का नाम आगे बढ़ाते हैं और कांग्रेस के आयोजन से पहले इन्‍हें अपनी पसंद पर फैसला लेना होता है। माना जा रहा है कि शी जिनपिंग ने अपने सभी प्रतिद्वंदियों को हटा दिया है। साथ ही उन्‍हें पार्टी के बाकी नेताओं की ताकत को भी कम‍ कर दिया है। ये वो नेता हैं जिन्‍होंने पूर्व में महत्‍वपूर्ण रोल अदा किया है।

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