Pakistan- सिख समुदाय के खिलाफ अत्याचार, ‘हमारी बेटी की रिहाई’ मुहिम से जुड़ने की अपील | News & Features Network


Pakistan: सिख समुदाय के खिलाफ अत्याचार के मामले बढ़ते जा रहे है. ऐसे में सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नून का वो दावा भी गलत साबित होता दिख रहा है जिन्होंने पहले कहा था कि अल्पसंख्यक समुदाय पाकिस्तान में खुशी से रह रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, खैबर पख्तूनख्वा में एक युवा सिख लड़की का अपहरण, दुष्कर्म और जबरन धर्म परिवर्तन और शादी की घटना ने देश में अल्पसंख्यक की सही स्थिति का खुलासा किया गया है.

बता दें कि पन्नून ने इससे पहले मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए दावा किया था कि एसएफजे खालिस्तान जनमत संग्रह में पाकिस्तान के सिख समुदाय को शामिल करेगा. इसी बीच बीते 8 सितंबर को खैबर पख्तूनख्वा के बुनेर जिले में एक प्रदर्शन के दौरान सिख समुदाय के प्रतिनिधियों और पाकिस्तान पंचायत के संगठनों ने सीधे वैश्विक सिख समुदाय से ‘हमारी बेटी की रिहाई’ मुहिम के लिए उनसे जुड़ने की अपील की.

सूत्रों की मानें तो यूएससीआईआरएफ की 2022 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन, दुष्कर्म और जबरन विवाह धार्मिक अल्पसंख्यक महिलाओं और बच्चों के लिए आसन्न खतरे बने हुए हैं. अक्टूबर 2021 में पाकिस्तान की एक संसदीय समिति ने अल्पसंख्यकों को जबरन धर्मांतरण से बचाने के लिए एक प्रस्तावित विधेयक को खारिज कर दिया.

Pakistan सरकार देश में केवल कुछ गुरुद्वारे बनाकर सिखों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को गुमराह कर रही है, जबकि ऐतिहासिक महत्व की सैकड़ों ऐसी संरचनाएं हैं जिन्हें बर्बाद और अपवित्र किया जा रहा है. 



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