USA अमेरिका ने रूसी राष्ट्रपति Vladimir Putin की धमकी पर करारा जवाब दिया है. अमेरिका में व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरेन जीन-पियरे ने कहा है कि रूस ऊर्जा को हथियार के रूप में इस्तेमाल करना चाहता है लेकिन रूसी राष्ट्रपति पुतिन को यह समझना चाहिए कि हम उन संभावित जोखिमों के प्रति पहले से तैयार हैं.
बुधवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि यदि अमेरिका या पश्चिमी देश रूसी ऊर्जा की कीमतों को नियंत्रित करने की कोशिश करेगा तो हम यूरोप को ऊर्जा की आपूर्ति बंद कर देंगे. कैरेन ने कहा कि पुतिन के बयान से पता चलता है कि वे एक बार फिर अपने शब्दों और अपने कार्यों से ऊर्जा को हथियार बना रहे हैं.
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरेन जीन-पियरे ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन और यूरोप में हमारे सहयोगियों ने पहले ही रूस के इस कदम की भविष्यवाणी की थी. इसलिए हम इस स्थिति का सामना करने के लिए महीनों से तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम रूसी ऊर्जा की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए मूल्य सीमा तय करने के विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहे हैं.
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— The White House (@WhiteHouse) September 7, 2022
हाल ही जी-7 के देशों ने रूसी ऊर्जा निर्यात पर मूल्य सीमा निर्धारित करने का फैसला किया है. उसका कहना है कि ऊर्जा से आए पैसों का इस्तेमाल रूस यूक्रेन पर हमला करने के लिए कर रहा है. इसलिए मूल्य पर नियंत्रण करके रूस की आर्थिक स्थिति को कमजोर किया जा सकता है. इससे वैश्विक महंगाई से भी लड़ने में मदद मिलेगी. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरेन जीन-पियरे ने कहा, हम पहले से ही रूस के इस संभावित कदम को लेकर सतर्क हैं. हमारे राष्ट्रपति जो बाइडन ने पहले ही इसकी आशंका व्यक्त की थी. इसलिए हम महीनों से इसकी तैयारी कर रहे हैं. हमने मूल्य सीमा तय करने के विभिन्न विकल्पों पर चर्चा की है. ‘
कैरेन ने कहा कि अमेरिका और यूरोपीय संघ ने यूरोप में प्राकृतिक गैस के वैकल्पिक स्रोतों को बढ़ाने के लिए एक कार्यबल का गठन किया है. इससे पहले अमेरिका ने कहा था कि वह विकसित देशों के समूह जी-7 की घोषणा के अनुरूप रूस के तेल आयात पर एक मूल्य सीमा लागू कराने के लिए संकल्पबद्ध है. अमेरिका का कहना है कि रूसी तेल के दाम की सीमा तय करने का ‘प्रभावशाली तरीका’ यूक्रेन में रूस के ‘गैरकानूनी युद्ध’ के लिए धन जुटाने के मुख्य स्रोत पर तगड़ी चोट करेगा. इसके अलावा इस कदम से अमेरिका को तेजी से बढ़ती वैश्विक मुद्रास्फीति से लड़ने में मदद मिलने की भी उम्मीद है.
जी7 समूह के सदस्य देशों ने शुक्रवार को रूस के तेल आयात पर मूल्य सीमा लागू करने के लिए तत्काल कदम उठाने का संकल्प जताया. रूस अपने कच्चे तेल की बिक्री से मिलने वाले धन का इस्तेमाल यूक्रेन के खिलाफ जारी सैन्य कार्रवाई में कर रहा है.
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