Russia China News: पुतिन ने माना, यूक्रेन मुद्दे पर चीन भी रूस से पूछ रहा सवाल… क्या दोस्ती में दरार का संकेत है?


मॉस्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को यूक्रेन युद्ध पर चीन की संतुलित स्थिति की प्रशंसा की। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि इस आक्रमण पर चीन के अपने सवाल और चिंताएं थीं। ऐसे में चीन के साथ रूस की दोस्ती को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। दरअसल यूक्रेन पर आक्रमण के चंद दिनों पहले व्लादिमीर पुतिन ने फरवरी में शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान शी जिनपिंग के साथ नो लिमिट पार्टनरशिप का ऐलान किया था। ऐसे में यूक्रेन युद्ध को लेकर चीन की चिंताएं रूस के लिए बड़ी परेशानी बन सकती है।

यूक्रेन पर हमले के बाद पहली बार मिले पुतिन-जिनपिंग
उज्बेकिस्तान के समरकंद में एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रन पर आक्रमण के बाद पहली बार चीनी नेता शी जिनपिंग से व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात की। वर्तमान में रूसी सेना ने सामूहिक रूप से पीछे हटना शुरू कर दिया है। ऐसे में पिछले एक हफ्ते के दौरान रूसी सेना ने लगभग उतना क्षेत्र खो दिया है, जितना उसने पांच महीने में कब्जा किया था। रूसी सैनिकों क पीछे हटने से यूक्रेनी सेना के हौसले बुलंद हैं। ऐसे में उन्होंने कई मोर्चों पर एक साथ युद्ध शुरू कर दिया है।

पुतिन बोले- चीनी मित्रों की स्थिति की सराहना करते हैं
पुतिन ने एससीओ शिखर सम्मेलन के उद्घाटन भाषण में कहा कि हम यूक्रेन संकट के संबंध में अपने चीनी मित्रों की संतुलित स्थिति की बहुत सराहना करते हैं। हम इस संबंध में आपके सवालों और चिंताओं को समझते हैं। आज की बैठक के दौरान, निश्चित रूप से, हम इस मुद्दे पर अपनी स्थिति के बारे में विस्तार से बताएंगे, हालांकि हमने इस बारे में पहले भी बात की है। पुतिन ने चीन और रूस के बीच गहरे आर्थिक संबंधों पर जोर दिया। रूस और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार पिछले साल 140 अरब डॉलर से अधिक था। ऐसे में उन्होंने जोर देकर कहा कि मुझे विश्वास है कि साल के अंत तक हम नए रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच जाएंगे, और निकट भविष्य में, जैसा कि सहमति हुई, हम अपने वार्षिक व्यापार कारोबार को 200 अरब डॉलर या उससे अधिक तक बढ़ाएंगे।

जिनपिंग का जवाब- एक दूसरे का समर्थन बढ़ाएंगे चीन और रूस
इसके जवाब में शी जिनपिंग ने कहा कि चीन एक-दूसरे के मूल हितों से संबंधित मुद्दों पर मजबूत पारस्परिक समर्थन बढ़ाने के लिए रूस के साथ काम करेगा और परिवर्तन और अव्यवस्था की दुनिया में स्थिरता और सकारात्मक ऊर्जा को इंजेक्ट करने में अग्रणी भूमिका निभाएगा। शी ने एक-चीन सिद्धांत का पालन करने के लिए रूस की सराहना की और जोर देकर कहा कि ताइवान चीन का हिस्सा है। पश्चिम के साथ बढ़ते संघर्ष और एक मजबूत व्यक्तिगत बंधन से प्रेरित, हाल के वर्षों में दो सत्तावादी नेता घनिष्ठ साझेदार के रूप में उभरे हैं।

रूस पर प्रतिबंधों के बावजूद चीन के साथ बढ़ रहा द्विपक्षीय व्यापार
यूक्रेन युद्ध के कारण अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंधों की बौछार की हुई है। ऐसे में चीन ने अपने पड़ोसी देश को सबसे ज्यादा आर्थिक सहायता देकर प्रतिबंधों से उबारने की कोशिश की है। चीन ने तो संयुक्त राष्ट्र में हर बार रूस की आलोचना करने से इनकार किया है। इस कारण प्रतिबंधों के बीच रूस और चीन के द्विपक्षीय व्यापार में कई गुना की वृद्धि हुई है। पहले ऐसी भी आशंका जताई जा रही था की चीन अपने पड़ोसी देश रूस को हथियार देने की तैयारी कर रहा है। हालांकि, अमेरिका का मानना है कि अभी तक ऐसा नहीं हुआ है।



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