आज का शब्द: कलश और सोम ठाकुर की रचना- फिर कुहासे की कथा कहती रही धरती


                
                                                                                 
                            'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- कलश, जिसका अर्थ है- घड़ा, गगरा, मंदिर आदि का शिखर या ऊपरी भाग। प्रस्तुत है सोम ठाकुर की रचना- फिर कुहासे की कथा कहती रही धरती
                                                                                                
                                                     
                            

फिर कुहासे की कथा कहती रही धरती
लग रहा है - फाल्गुणों के दिन अभी है दूर

खजूरों के वन उगाए हैं नगर के मोड़
भीड़ में वीरानगी की दहशतें जी- तोड़
दृष्टिहीनता सांझ की चेतावनी पाकर
हो गया सूरज समर्पण के लिए मजबूर

टूटकर झरने लगे है हर संहिता के पेज
मिल गये आश्वासनों के पीत दस्तावेज़
चल दिया है कृष्ण - सा मन बैठकर रथ में
कौन जाने सारथी ये क्रूर है, क़ि अक्रूर

आगे पढ़ें

1 hour ago



Source link