वीरेंद्र सहवाग ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि उन्होंने आउट नहीं देने के लिए असद रऊफ से ‘डील’ की थी। सहवाग ने कहा था कि, ‘असद रऊफ को ब्रांडेड चश्मा, टी-शर्ट, जूतों का शौक था। मैं उस समय एडिडास का ब्रांड एंबेसडर था, इसलिए मैंने उन्हें ये सारी चीजें गिफ्ट कर दी और मजाक में कहा कि जब मैं बल्लेबाजी कर रहा हूं तो अपनी उंगली न उठाएं। और उन्होंने ठीक वैसा ही किया।’
रऊफ ने नहीं दिया आउट
ऑस्ट्रेलिया की टीम 2008 में भारत दौरे पर थी। चार टेस्ट मैच की सीरीज का दूसरा मुकाबला मोहाली में खेला गया था। उस मुकाबले में रूडी कर्टजन के साथ असद रऊफ मैदानी अंपायर थे। इस मैच में मिचेल जॉनसन की शॉर्ट-पिच बॉल पर सहवाग आउट थे, लेकिन असद रऊफ ने अंगुली नहीं उठाई। गेंद पर बल्ले का इतना मोटी किनारा लगा था कि हर किसी ने यह आवाज सुनी थी। कंगारू कप्तान पोंटिंग ने जमकर बहस की, लेकिन अंपायर ने अपना फैसला नहीं बदला।
रखा था अपना पक्ष
वीरेंद्र सहवाग के इस बयान पर असद रऊफ ने पलटवार किया था। उन्होंने एक पाकिस्तानी चैनल पर बात करते हुए कहा था कि जहां तक सहवाग का सवाल है तो उसकी क्या मजाल कि वो एक आईसीसी एलीट अंपायर से कुछ कहे। पूरे करियर में कभी मेरे ऊपर इस तरह के आरोप नहीं लगे।
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