Ukrainian Army Weapons: जेलेंस्‍की के 6 ब्रह्मास्त्र का वार, पिद्दी से यूक्रेन ने सुपरपावर रूस को कर दिया बेहाल, जानें सबकी ताकत


यूक्रेन पर रूस के हमले को छह महीने बीच चुके हैं। इसके बावजूद सुपरपावर रूस अभी तक पिद्दी से देश यूक्रेन को हरा नहीं पाया है। शुरूआती दिनों में अंदेशा जताया जा रहा था कि यूक्रेन चंद दिनों में ही रूस के सामने घुटने टेक देगा, लेकिन मामला इसके ठीक उलट हुआ। यूक्रेन ने अमेरिका और बाकी नाटो देशों से मिले हथियारों के दम पर रूस को कड़ी टक्कर दी। हालात इस समय ऐसे हैं कि यूक्रेनी सेना कई इलाकों से रूसी फौज को पीछे खदेड़ रही है। वहीं, रूस अपने सैनिकों के पीछे हटने के दावे को खारिज करते हुए इसे रीग्रुपिंग का नाम दे रहा है। रूसी सैनिकों को पीछे ढकेलने में यूक्रेन के पांच हथियारों ने बड़ी भूमिका निभाई है। इन हथियारों ने रूसी सेना को इतने जख्म दिए हैं, जिसकी उन्होंने कभी कल्पना नहीं की थी। बड़ी बात यह है कि इनमें से एक भी हथियार युद्ध की शुरुआत के समय यूक्रेन के पास नहीं था। ये सभी हथियार पिछले छह महीने के अंदर यूक्रेन को सौंपे गए हैं। जानिए उन हथियारों के बारे में, जिन्होंने यूक्रेन में रूसी सेना को मार भगाया

HIMARS रॉकेट सिस्टम

एम142 एचआईएमएआरएस अमेरिका में बना एक रॉकेट सिस्टम है। HIMARS का पूरा नाम M142 हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम है। इसे अमेरिका हथियार निर्माता कंपनी लॉकहीड मॉर्टिन मिसाइल एंड फायर कंट्रोल ने बनाया है। इसे 1990 के दशक के अंत में अमेरिकी सेना के लिए विकसित किया गया था। इस रॉकेट सिस्टम को अमेरिकी सेना के M1140 ट्रक के ऊपर लगाया गया था। M142 में छह गाइडेड मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम रॉकेट, या दो प्रिसिजन स्ट्राइक मिसाइल या एक जमीन से जमीन पर मार करने वाली आर्मी टेक्टिकल मिसाइल लगी होती है। M142 HIMARS रॉकेट सिस्टम अमेरिकी सेना में 2010 से सर्विस में शामिल है। इस रॉकेट सिस्टम ने अफगानिस्तान युद्ध, सीरियाई गृहयुद्ध, इराकी गृहयुद्ध और यूक्रेन पर रूस के आक्रमण में अपनी ताकत का लोहा मनवाया है। इस रॉकेट सिस्टम के एक यूनिट की कीमत 5.1 मिलियन डॉलर है। अभी तक इसके 540 यूनिट का निर्माण किया जा चुका है।

नेक्स्ट जेनरेशन लाइट एंटी टैंक वेपन

यूक्रेन को अमेरिका से 5000 यूनिट नेक्स्ट जेनरेशन लाइट एंटी टैंक वेपन मिला है। यह कंधे से लॉन्च किया जाने वाला एक हथियार है, जिसे टैंकों और हैवी आर्मर्ड गाड़ियों को नष्ट करने के लिए बनाया गया है। यूक्रेन ने इसी हथियार के दम पर खेरसॉन, खारकीव और डोनबास को रूसी टैंकों का कब्रगाह बना दिया है। यह फायर एंड फॉरगेट, मैन पोर्टेबल और डिस्पोजेबल सिंगल यूज एंटी टैंक हथियार है। इसे इंफ्रेंट्री के इस्तेमाल के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी मिसाइल एक सॉफ्ट-लॉन्च सिस्टम का उपयोग करती है और इसे प्रेडिक्टेड लाइन ऑफ विजन के जरिए गाइड किया जाता है। यह बख्तरबंद गाड़ियों को ओवरफ्लाई टॉप अटैक के जरिए निशाना बनाता है। मतलब नेक्स्ट जेनरेशन लाइट एंटी टैंक वेपन से निकली मिसाइल टैंक और दूसरे बख्तरबंद गाड़ियों पर ऊपर से हमला करती है। इसे टैंकों का सबसे कमजोर हिस्सा माना जाता है। इसकी प्रभावी फायरिंग रेंज 20 से 800 मीटर की है।

NASAMS एयर डिफेंस सिस्टम

nasams-

अमेरिका ने यूक्रेन को हवाई सुरक्षा के लिए NASAMS एयर डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति की थी। इसका पूरा नाम अडवांस सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम है। NASAMS को अमेरिका और नॉर्वे ने एक साथ मिलकर विकसित किया है। यह मिसाइल सिस्टम 1998 से अमेरिकी सेना में शामिल है। इसकी डिजाइन नॉर्वे के कोंग्सबर्ग रक्षा और एयरोस्पेस ने तैयार की है, जबकि निर्माण कोंग्सबर्ग रक्षा और एयरोस्पेस और अमेरिका की रेथियॉन मिसाइल एंड डिफेंस एक साथ करती हैं। इस मिसाइल सिस्टम की प्रभावी फायरिंग रेंज 30 किलोमीटर है, जबकि फ्लाइट एल्टीट्यूड 21 किलोमीटर है।

नेपच्यून क्रूज मिसाइल

यूक्रेन ने ब्रिटेन से मिले नेपच्यून क्रूज मिसाइल की मदद से रूसी नौसेना को बांध रखा है। इसी मिसाइल के जरिए यूक्रेन ने काला सागर में रूसी नौसेना के सबसे ताकतवर युद्धपोत मोस्कवा को डूबो दिया था। नेपच्यून क्रूज मिसाइल का निर्माण दुश्मनों के युद्धपोतों को तबाह करने के लिए किया गया है। इस मिसाइल का वजन करीब 870 किलो है, जिसमें से 150 किलो विस्फोटक को लेकर यह उड़ सकता है। इस मिसाइल की लंबाई 16 फीट है। नेपच्यून मिसाइल की रेंज 300 किलोमीटर तक है। इसे जमीन, हवा और पानी कहीं पर भी निशाना लगा कर फायर किया जा सकता है।

बायरकटार टीबी-2 ड्रोन

-2-

यूक्रेन ने तुर्की के बायरकटार टीबी-2 के जरिए रूसी सेना को गहरी चोट पहुंचाई है। बायरकटार टीबी2 ड्रोन इतना घातक है कि इसने युद्ध के शुरुआती दिनों में ही रूसी सेना के 64 किलोमीटर लंबे काफिले को रोक दिया था। इस कारण अग्रिम मोर्चों पर तैनात रूसी सैनिकों के पास हथियार, गोला-बारूद और जरूरी रसद की सप्लाई पूरी तरह बाधित हो गई थी। इस ड्रोन को तुर्की की फर्म बायकर टेक्नोलॉजी बनाती है। इस कंपनी को तुर्की के राष्‍ट्रपति तैयप रेसेप एर्दोगान के दामाद सेलकूक बायरकतार चलाते हैं। तुर्की का बयरकतार TB2 हल्के हथियारों से लैस है। इसमें चार लेजर- गाइडेड मिसाइलें लगाई जा सकती हैं। इस ड्रोन को रेडियो गाइडेड होने के कारण 320 किमी के रेंज में ऑपरेट किया जा सकता है।

M777 होवित्जर तोप

m777-

एम777 होवित्जर 155 एमएम का एक अल्ट्रा लाइट तोप है। इसे आसानी के एक इलाके से दूसरे इलाके में तैनात किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल हली बार अफगानिस्तान में अमेरिकी युद्ध के दौरान युद्ध में किया गया था। M777 का निर्माण बीएई सिस्टम्स के ग्लोबल कॉम्बैट सिस्टम्स डिवीजन ने किया है। M777 की लागत 2.025 मिलियन डॉलर प्रति यूनिट है। वर्तमान में यह होवित्जर भारत, अमेरिका ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कोलंबिया, सऊदी अरब और यूक्रेन के पास मौजूद है।

एम777 का कुल वजन 4200 किलोग्राम है। इसके बैरल की लंबाई 5.08 मीटर की है। इसको ऑपरेट करने के लिए 9 क्रू मेंबर्स की जरूरत होती है। यह होवित्जर सामान्यत एक मिनट में दो राउंड फायर कर सकता है, लेकिन इसे बढ़ाकर सात राउंड प्रति मिनट तक पहुंचाया जा सकता है। एम777 से फायर किए गए एम107 गोले की रेंज 21 किलोमीटर, एम795 गोले की रेंज 22.5 किलोमीटर और एक्सकैलिबर की रेंज 40 किलोमीटर की है।



Source link

Leave a Reply


Deprecated: Function the_block_template_skip_link is deprecated since version 6.4.0! Use wp_enqueue_block_template_skip_link() instead. in /home/u305439794/domains/newspaperswale.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6078